अर्थ : खारे पानी की वह विशाल राशि जो चारों ओर से पृथ्वी के स्थल भाग से घिरी हुई हो।
उदाहरण :
समुद्र रत्नों की खान है।
पर्यायवाची : अंबुधि, अधिरथी, अपांनाथ, अपांनिधि, अपांपति, अबिंधन, अबिन्धन, अब्धि, अमीनिधि, अम्बुधि, अर्णव, अवधिमान, अवारपार, अविष, उदधि, जलधि, जलनिधि, जलपति, जलेश, जलेश्वर, झषनिकेत, तरंत, तिमिकोश, तीवर, तोयधि, तोयनिधि, तोयराज, तोयराशि, तोयालय, नदराज, नदीकांत, नदीकान्त, नदीन, नदीपति, नदीभल्लातक, नदीश, पयोधर, पयोधि, पयोनिधि, परांगव, पाथनाथ, पाथनिधि, पाथि, पाथोधि, पाथोनिधि, मकरध्वज, मकरांक, मकरालय, मकरावास, मगरधर, यादःपति, यादईश, रत्नगर्भ, रत्नाकर, लक्ष्मी-तात, वरुणवास, वरुणालय, वरुणोद, वारिधि, वारिनिधि, वारिराशि, वारींद्र, वारीन्द्र, वारीश, शुद्धोद, समंदर, समन्दर, समुंदर, समुद्र, समुन्दर, सलिलपति, सलिलराज, सागर, सिंधु, सिन्धु, सुदाम, सुदामन, सुदामा
अर्थ : धर्म-ग्रंथों में मान्य वे दुष्ट आत्माएँ जो धर्म विरोधी कार्य करती हैं तथा देवताओं, ऋषियों आदि की शत्रु हैं।
उदाहरण :
पुरातन काल में राक्षसों के डर से धर्म कार्य करना मुश्किल होता था।
पर्यायवाची : अनुशर, अपदेवता, अमानुष, अविबुध, अशिर, अश्रय, असुर, आकाशचारी, आशर, आसर, आस्रप, कर्बर, कर्बुर, कीलालप, कैकस, जातुधान, तमचर, तमाचारी, तमीचर, तरंत, त्रिदशारि, दतिसुत, दानव, देवारि, दैत, दैत्य, ध्वांतचर, ध्वान्तचर, नरांश, निशाचर, निशाविहार, निशिचर, निषकपुत्र, नृमर, नैऋत, नैकषेय, नैरृत, पलंकष, पलाद, पलादन, यातुधान, रक्तग्रीव, रक्तप, रजनीचर, राक्षस, रात्रिबल, रात्रिमट, रेरिहान, रैनचर, लंबकर्ण, लम्बकर्ण, सुरद्विष, ह्रस्वकर्ण