अर्थ : आपेक्षिक तौल या भार बराबर या ठीक करने या होने की क्रिया।
उदाहरण :
सोनार ने पायल तौलने के लिए तुला का बाट से संतुलन किया।
अर्थ : दो पक्षों का बल बराबर रखने अथवा होने की अवस्था।
उदाहरण :
हमें विपरीत परिस्थितियों में भी अपना संतुलन नहीं खोना चाहिए।