इशारा (संज्ञा)
उँगली द्वारा किया जाने वाला संकेत।
मोहित होना (क्रिया)
किसी वस्तु,व्यक्ति आदि का दूसरी वस्तु, व्यक्ति आदि के पास उसकी शक्ति, सुंदरता, प्रेरणा आदि के द्वारा चले आना या उसे पसंद करने लगना।
अस्थिर (विशेषण)
जो शांत न हो।
मार्गदर्शक (संज्ञा)
वह जो पर्यटकों को रास्ता दिखाता हो।
सयाना (विशेषण)
पूरी अवस्था को पहुँचा हुआ या जो बाल्यावस्था पार करके जवान हो चुका हो।
तौर-तरीका (संज्ञा)
सामाजिक संबंधों में औरों के साथ किया जाने वाला आचरण।
विराणी (संज्ञा)
एक शाकाहारी स्तनपायी चौपाया जो अपने स्थूल और विशाल आकार तथा सूँड़ के कारण सब जानवरों से विलक्षण होता है।
मुसाफिरखाना (संज्ञा)
यात्रियों के ठहरने का स्थान।
तुषार (संज्ञा)
हवा में मिले हुए भाप के अत्यंत सूक्ष्म अणु जो ठंडक के कारण पृथ्वी पर सफ़ेद तह के रूप में जम जाते हैं।
सारांश (संज्ञा)
किसी पूरे तथ्य, पदार्थ, कथन आदि के सब तत्वों आदि का मुख्य आशय।