अर्थ : ब्राह्मण के छः कर्म या काम।
उदाहरण :
पढ़ना, पढ़ाना, यज्ञकरना, यज्ञ कराना, दान लेना और दान देना ये षट्कर्म हैं।
अर्थ : स्मृतियों के अनुसार वे छः कर्म जिनके द्वारा आपातकाल में ब्राह्मण अपना निर्वाह कर सकते हैं।
उदाहरण :
उंछ, दान लेना, भिक्षा, व्यापार, पशु-पालन और खेती ये षट्कर्म हैं।
अर्थ : तंत्र द्वारा किए जानेवाले ये छः कर्म - शांति,वशीकरण,स्तंभन,विद्वेष,उच्चाटन और मारण।
उदाहरण :
आश्विन नवरात्रि में तांत्रिक षट्कर्म में लीन हो जाते हैं।
पर्यायवाची : तंत्र क्रिया